क्योंकि स्त्री और पुरुष का कोई मुकाबला नहीं है। क्योंकि स्त्री और पुरुष का कोई मुकाबला नहीं है।
मंदिर से अधिक मधुशालाएं हैं ऐसा बदलाव अपने देश में आया है , मंदिर से अधिक मधुशालाएं हैं ऐसा बदलाव अपने देश में आया है ,
जाने कब आएगा ईंतजार कर रही हूुूँ आशा लगाए बैठी हूँ। जाने कब आएगा ईंतजार कर रही हूुूँ आशा लगाए बैठी हूँ।
एक नया सूरज जागेेगा एक सुनहरा पल आएगा और एक अच्छा संंदेश लाएगाा। एक नया सूरज जागेेगा एक सुनहरा पल आएगा और एक अच्छा संंदेश लाएगाा।
उसकी चाल समझ आती नहीं कहते हैं वह बुरा किसी का करता नहीं उसकी चाल समझ आती नहीं कहते हैं वह बुरा किसी का करता नहीं
जीवन टूट गये हैं उसके अनिश्चित स्नेह की प्रतीक्षा में। जीवन टूट गये हैं उसके अनिश्चित स्नेह की प्रतीक्षा में।